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मुख्य विकास अधिकारी ने किया नवीन गन्ना पेराई सत्र का उद्घाटन। औद्योगिक इकाइयां द किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड का

मुख्य विकास अधिकारी ने किया नवीन गन्ना पेराई सत्र का उद्घाटन।


औद्योगिक इकाइयां द किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड का आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पेराई सत्र प्रारंभ हो गया।पेराई सत्र का प्रारंभ होने से पूर्व वैदिक मंत्रोचार के साथ परिसर में हवन पूजन किया गया। और इसके तुरंत बाद फीता काटकर मिल मशीनों का बटन दबाकर उन्हें चालू कराते हुए मुख्य विकास अधिकारी एम अरुण मौली ने विधिवत रूप से नवीन पेराई सत्र का उद्घाटन करते हुए पेराई का शुभारंभ कराया । पेराई सत्र प्रारंभ होने के अवसर पर मिल पहुंची ,जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव ने सप्लाई बेल्ट में गन्ना लगाकर गन्ना पेराई की शुरुआत कराई।


पेराई सत्र आरंभ होने के अवसर पर तौल के लिए कांटे पर अपना गन्ना सबसे पहले लेकर पहुंचे ट्रैक्टर ट्राली वाले कृषक ग्राम जिजौटा निवासी सीनियर सिटीजन अशोक सिंह को गमछा तथा बाल्टी एवं ग्राम नरैनामऊ के गन्ना कृषक विनोद कुमार का बैलगाड़ी से गन्ना लेकर पहुंचे गांव लालपुर पट्टी निवासी बैलगाड़ी वाले मदनलाल को भी गमछा तथा बाल्टी भेंट कर सम्मानित किया गया। इसी के साथ मुख्य विकास अधिकारी तथा जिला पंचायत अध्यक्ष एवं प्रधान प्रबंधक चीनी मिल ने बैलगाड़ी तथा ट्रैक्टर की कांटे पर लाए गए गन्ने की तौल कराते हुए गन्ना खरीद कार्य का भी शुभारंभ कराया ।

पेराई सत्र शुभारंभ अवसर पर मिल प्रधान प्रबंधक किशनलाल ने बताया कि चीनी मिल द्वारा पिछले सत्र का पूरे का पूरा गन्ना मूल्य गन्ना उत्पादक सप्लाई देने वाले कृषकों का भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस बार भी गन्ने से चीनी की रिकवरी सही अनुपात में ही प्राप्त होगी और गन्ना उत्पादक किसानों को उनके गन्ने का मूल्य समय से ही भुगतान कर दिया जाएगा। चीनी मिल का वैसे तो आज से पेराई सत्र शुभारंभ हो चुका है । लेकिन इस मिल की मशीनें काफी पुरानी और जर्जर हैं। आए दिन पिछले ही सत्र में इनमें खराबी आती रहती थी। जिसके कारण कई- कई दिनों तक पेराई का काम बंद रहता था। और ऐसे में भीषण ठंड के मौसम में भी यहां गन्ना लाने वाले किसान सर्दी में ठिठुरते हुए परेशान होते रहे। वही मशीनें हैं, उनकी वही दशा है, ऐसी जर्जर हालत में यह सहकारी चीनी मिल कितना गन्ना सफलतापूर्वक बिना किसी रूकावट के जिसमें मशीनों में खराबी ना आए, पेराई कर पाएगा। इस बारे में कुछ भी निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता। तकनीकी हिसाब से भी इस मिल की पेराई क्षमता अन्य मिलों की अपेक्षा बहुत कम है । यदि मशीनें सही ढंग से काम करें ,तो भी यह अपनी क्षमता के अनुसार 12:से 16: हजार कुंटल मुश्किल से गन्ना की पेराई एक दिन में करने में सफल होता है। ऊपर से लचर तथा सुस्त प्रशासनिक व्यवस्था एवं जर्जर मशीनें होना। इस बात की ओर संकेत देता है कि नवीन पेराई सत्र भी अपने पूरे समय पूरी क्षमता से काम करने में सफलता प्राप्त करेगा अथवा नहीं। इसकी आशंका लगातार क्षेत्रीय गन्ना उत्पादक किसानों को बनी हुई है । खैर जो भी हो आज से मिल का उद्घाटन तो हो ही गया। पूरे समय कुछ ना कुछ तो पेराई होगी ही। इसी बात को लेकर लोग संतोष व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन क्षेत्र में हो रहे गन्ने के उत्पादन के लिहाज से अब यह आवश्यक है कि मिल की दशा में सुधार लाया जाए ।

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